Rajasthan Shram Vibhag Yojana 2023: राजस्थान श्रम विभाग की चल रही नई योजनाएं 2023

Rajasthan Shram Vibhag Yojana 2023

Rajasthan Shram Vibhag Yojana 2023:- राजस्थान श्रम विभाग की चल रही नई कल्याणकारी योजनाएं श्रमिकों, उनके बच्चों और आश्रितों को पूरी जानकारी और सहायता प्रदान करती हैं, जिनमें छात्रवृत्ति, आवास निर्माण, महिलाओं के लिए विशेष प्रस्तुति योजनाएं और लड़कियों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं शामिल हैं; हालांकि, श्रमिकों के भाइयों को इन योजनाओं से लाभान्वित होने से रोकने के लिए ज्ञान की कमी को दूर करना महत्वपूर्ण है।

आज के लेख में, आपको श्रमिकों की भलाई और कल्याण को बढ़ाने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई योजनाओं की एक विस्तृत और व्यापक कवरेज मिलेगी, जिसमें पात्रता योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी और प्रत्येक व्यक्तिगत योजना से जुड़े कई लाभों का आसानी से और आसानी से लाभ उठाने के तरीके के बारे में चरण-दर-चरण मार्गदर्शन शामिल है, जिनमें से सभी को इसी लेख में सम्मानित राजस्थान श्रम विभाग द्वारा सावधानीपूर्वक संकलित और प्रस्तुत किया गया है।

श्रम विभाग की योजनाएं 2023

राजस्थान सरकार का श्रम विभाग वर्तमान में कई योजनाओं को लागू कर रहा है। इस लेख में, हमने श्रम विभाग की इन योजनाओं में से प्रत्येक के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि श्रमिक कार्ड का उपयोग करके श्रमिक राजस्थान श्रम विभाग की नई योजनाओं द्वारा दिए जाने वाले लाभों को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। यह कार्ड श्रमिकों के लिए विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सुविधाओं और लाभों का लाभ उठाने के लिए एक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है।

श्रम विभाग की नई योजनाएं 2023 में यह चल रही है:

  • श्रम विभाग शुभ शक्ति योजना
  • श्रम विभाग प्रसूति सहायता योजना
  • निर्माण श्रमिक जीवन व भविष्य सुरक्षा योजना
  • निर्माण श्रमिक सुलभ आवास योजना
  • निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना
  • श्रमिक दुर्घटना या मृत्यु की दशा में सहायता योजना
  • सिलिकोसिस पीड़ित के लिए श्रमिक विभाग की सहायता योजना

Shubh Shakti Yojana शुभ शक्ति योजना

योजना का प्राथमिक लक्ष्य श्रमिकों की वयस्क और अविवाहित बेटियों और महिलाओं को सहायता और प्रोत्साहन प्रदान करना है, जिसका उद्देश्य उन्हें सशक्त बनाना, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना और उनकी उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देना है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, यह योजना पात्र व्यक्तियों को कई प्रकार के लाभ प्रदान करती है। इन लाभों में 55,000 रुपये के रूप में वित्तीय सहायता शामिल है, जो स्वयं महिला को या लाभार्थी की वयस्क अविवाहित बेटी को दी जाती है। यह वित्तीय सहायता इन महिलाओं के लिए अपने लक्ष्यों और आकांक्षाओं को पूरा करने और अंततः, अपने व्यक्तिगत और पेशेवर प्रयासों में कामयाब होने के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में कार्य करती है।

योजना के लिए पात्रता-

  1. लड़की के माता या पिता 1 वर्ष से हिताधिकारी या श्रमिक के रूप में मंडल में पंजीकृत होना चाहिए।
  2. श्रमिक की दो पुत्रियों अथवा महिला श्रमिक को स्वयं एवं एक पुत्री को लाभ मिलेगा
  3. श्रमिक की पुत्री या स्वयं महिला श्रमिक कम से कम 8 मी उत्तरण होना चाहिए।
  4. लाभार्थी का बचत बैंक खाता हो
  5. स्वयं के आवास की स्थिति में, शौचालय होना चाहिए
  6. आवेदन की तिथि से पूर्व में कम से कम 90 दिनों के लिए निर्माण श्रमिक के रूप में कार्यरत रहा हो
  7. निर्माण श्रमिक होने के भौतिक सत्यापन के आधार पर राशि दी जाएगी। भौतिक सत्यापन तहसीलदार, विकास अधिकारी, सहायक या उच्च अभियंता या किसी राजपत्रित अधिकारी के द्वारा किया जा सकता है।

योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज

  1. श्रमिक पंजीयन प्रमाण पत्र
  2. बैंक खाते की पासबुक
  3. आधार तथा भामाशाह कार्ड
  4. महिला या अविवाहित पुत्री की आठवीं की अंक तालिका
  5. पुत्री की आयु 18 वर्ष पूर्ण होने का प्रमाण पत्र।

निर्माण श्रमिक जीवन व भविष्य सुरक्षा योजना

योजना का उद्देश्य-

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना को लागू करके एक सक्रिय कदम उठाया है। इन योजनाओं का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों और निम्न-आय वर्ग के लोगों दोनों को आवश्यक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। बोर्ड ने पंजीकृत श्रमिकों के लिए बीमा राशि को रिचार्ज करने के लिए एक योजना तैयार की है, जिसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि उन्हें वे लाभ मिले जिनके वे हकदार हैं। पात्र श्रमिक इन योजनाओं के तहत एक हिस्सा या पूरी प्रीमियम राशि काट सकते हैं और रिचार्ज कर सकते हैं। यह पहल अपने नागरिकों की भलाई में सहायता करने और उनकी सुरक्षा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

योजना के लिए पात्रता

  1. पंजीकृत निर्माण श्रमिक हो
  2. स्वयं का बचत बैंक खाता
  3. आधार कार्ड या भामाशाह कार्ड
  4. उक्त योजनाओं के लिए बचत बैंक खाते से प्रीमियम राशि की कटौती के लिए सहमति दी गई होो तथा बैंक खाते से वार्षिक अंशदान की कटौती की गई हो

योजना में देय लाभ

  1. प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत बचत बैंक खाते में की गई कटौती का शत-प्रतिशत भुगतान मंडल द्वारा किया जाएगा
  2. प्रधानमंत्री जीवन बीमा ज्योति योजना के अंतर्गत की गई कटौती के वार्षिक अंशदान का 330 रुपए का 50% भुगतान मंडल द्वारा किया जाएगा
  3. अटल पेंशन योजना के पात्र द्वारा मासिक पेंशन 1000 रुपए प्राप्त करने के लिए की गई औसत वार्षिक अंशदान की कटौती का 50% पुनर्भरण मंडल द्वारा किया जाएगा

उक्त योजना के लिए आवेदन करने के लिए पात्र व्यक्ति द्वारा आवेदन प्रपत्र स्थानीय श्रम कार्यालय अथवा मंडल द्वारा अधिकृत अधिकारी या अन्य विभाग के कार्यालय में जमा कराना होगा। योजना के लिए ऑनलाइन भी आवेदन किया जा सकता है। योजना के लिए वार्षिक अंशदान कटौती किए खाने के वित्तीय वर्ष की समाप्ति से एक वर्ष की अवधि में आवेदन किया जा सकता है।

निर्माण श्रम विभाग सुलभ आवास योजना

इस योजना के तहत, पात्र लाभार्थी 1.50 लाख तक की सहायता या अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। जो श्रमिक केंद्र सरकार की सभी शहरी मिशन योजना, किफायती आवास योजना, या मुख्यमंत्री जन आवास योजना के लिए पात्र हैं, वे भी इस कार्यक्रम के तहत सहायता के लिए पात्र होंगे।

यदि कोई श्रमिक अपनी जमीन या प्लॉट पर आवास बनाता है, तो यह महत्वपूर्ण है कि वे, उनकी पत्नी या उनके बेटे के पास जमीन हो और यह किसी भी बंधक या संपत्ति के विवाद से मुक्त हो।

यदि किसी वित्तीय संस्थान या बैंक से ऋण लिया जाता है, या यदि व्यक्तिगत बचत का उपयोग करके आवास का निर्माण किया जाता है, तो संबंधित ग्राम पंचायत या नगर निकाय अनुदान राशि को मंजूरी देने से पहले जांच करेंगे।

एक बार केंद्र या राज्य सरकार की किसी भी योजना के तहत अनुदान राशि प्राप्त हो जाने के बाद, आवास को 10 वर्षों की अवधि के लिए किसी को भी बेचा या हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है। यदि ऐसा होता है, तो सहायता या अनुदान राशि वापस ली जा सकती है।

यह योजना बीपीएल श्रेणी, अनुसूचित जनजाति, विशेष योग्यता वाले व्यक्तियों, पालनहार योजना के तहत दो बेटियों, महिलाओं या परिवारों वाले लाभार्थियों और दो से तीन वर्षों के लिए प्रभाग में श्रमिकों के रूप में पंजीकृत व्यक्तियों को प्राथमिकता देती है।

श्रम विभाग प्रसूति सहायता योजना

यह उन श्रमिक महिलाओं के लिए श्रमिक विभाग की योजना है जो अधिनियम 12 के अंतर्गत हिताधिकारी के रूप में पंजीकृत हैं और अधिनियम की धारा 13 के अंतर्गत परिचय पत्र धारी हों।

इस योजना के अंतर्गत महिला हिताधिकारी श्रमिक को प्रसव होने पर पुत्र होने की स्थिति में 20000 तथा पुत्री होने की स्थिति में 21000 रुपए की सहायता प्रदान की जाएगी। यदि महिला को जननी सुरक्षा योजना का लाभ नहीं मिलता है तो 1000 रुपए की अतिरिक्त आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

प्रसूति सहायता योजना के लिए पात्रता

  1. महिला श्रमिक अधिनियम 13 के अंतर्गत हिताधिकारी परिचय पत्र धारी हो
  2. प्रसव के समय महिला की आयु न्यूनतम 20 वर्ष होना चाहिए
  3. यह आर्थिक सहायता दो प्रसव के लिए ही दी जाएगी। यदि पंजीयन से पूर्व दो प्रसव हो चुके हैं तो कोई सहायता नहीं दी जाएगी तथा यदि पंजीयन से पूर्व एक प्रसव हो चुका है तो केवल एक प्रसव के लिए सहायता देय होगी।
  4. मंडल की निधि में मासिक अभिदाय जमा कराने से चूक करने वाले हिताधिकारी इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे परंतु मासिक अभिदाय का पुनर्भरण करने वाली महिला श्रमिक योजना का लाभ लेने के लिए योग्य होंगी।
  5. योजना का नाम संस्थागत प्रसव होने पर ही दिया जाएगा

प्रसूति सहायता योजना के अंतर्गत सहायता राशि प्राप्त करने के लिए प्रसव उपरांत 90 दिन की अवधि में स्थानीय कार्यालय या श्रम विभाग को आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ आयु संबंधी प्रमाण पत्र, संस्थागत प्रसव प्रमाण पत्र(hospital discharge ticket) देना होगा। अपेक्षित जांच पड़ताल के बाद सहायता राशि का हिताधिकारी महिला श्रमिक को भुगतान किया जाएगा।

निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना

इस योजना का उद्देश्य निर्माण श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा सहायता छात्रवृत्ति, मेधावी छात्र-छात्राओं को नगद पुरस्कार तथा उनके कौशल को विकसित कर प्रोत्साहन प्रदान करना है।

इस योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए निम्न प्रकार से योग्यता एवं पात्रता होनी चाहिए-

  1. मंडल में हिताधिकारी के रूप में पंजीकृत निर्माण श्रमिक होना चाहिए
  2. हिताधिकारी श्रमिक के पुत्र, पुत्री तथा पत्नी छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे
  3. मेधावी छात्र-छात्राओं को नगद पुरस्कार के लिए कोई सीमा नहीं है परंतु शिक्षा छात्रवृति हिताधिकारी श्रमिक के दो संतान अथवा एक संतान एवं पत्नी को ही दी जाएगी तथापि यदि पति पत्नी दोनों हिताधिकारी श्रमिक के रूप में मंडल में पंजीकृत है तो दो संतानों को छात्रवृत्ति देय होगी।
  4. कक्षा 6 से स्नातकोत्तर में अध्ययन करने वाले छात्र या छात्रा राज्य या केंद्र सरकार के सरकारी अथवा मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय या महाविद्यालय में अध्ययनरत होना आवश्यक है।
  5. सरकारी या निजी मान्यता प्राप्त आईटीआई एवं पॉलिटेक्निक में नियमित अध्ययनरत हो
  6. मेधावी छात्र छात्रा पुरस्कार प्राप्त करने के लिए कक्षा 8 से 12 में 75% अंक प्राप्त उत्तीर्ण होना चाहिए। डिप्लोमा, स्नातक तथा स्नातकोत्तर(चिकित्सा इंजीनियरिंग एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रम) परीक्षाओं में 60% या अधिक अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण होना चाहिए।
  7. हिताधिकारी श्रमिक की पत्नी छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए संस्था में नियमित रूप से अध्ययनरत तथा आयु 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए
  8. छत्रपति परीक्षा संबंधित उत्तीर्ण करने के पश्चात ही देय होगी
  9. ग्रीष्मावकाश के उपरांत आगामी कक्षा में प्रवेश लेने पर ही छात्रवृत्ति देय होगी परंतु कक्षा 12, डिप्लोमा एवं स्नातक स्नातकोत्तर की परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों के लिए आगामी कक्षा में प्रवेश लेना आवश्यक नहीं है।

इसइस योजना के तहत छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए आवेदक द्वारा उत्तीर्ण कक्षा की अंक तालिका, पंजीयन प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक की फोटो कॉपी आदि दस्तावेजों के साथ 6 माह की अवधि में मंडल कार्यालय में या फिर ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है।

श्रमिक दुर्घटना/मृत्यु की दशा में सहायता योजना

इस योजना के अंतर्गत श्रमिक हिताधिकारी की दुर्घटना में घायल होने या मृत्यु होने की स्थिति में मुआवजे के रूप में सहायता राशि देने के लिए शुरू की गई है। यह सहायता राशि श्रमिक की मृत्यु होने पर उसके आश्रितों को दी जावेगी। इस योजना में 18 से 60 वर्ष तक के निर्माण श्रमिक सहायता राशि के लिए पात्र होंगे। योजना के अंतर्गत दी जाने वाली सहायता राशि इस प्रकार है-

  1. दुर्घटना से मृत्यु होने पर 500000 रुपए
  2. दुर्घटना में स्थाई पूर्ण अपंगता होने पर 300000 रुपए। स्थाई रूप से पूर्ण अपंगता होने का तात्पर्य है कि दुर्घटना में दोनों आंख, दोनों हाथ, दोनों पैर असक्षम होने से है।
  3. दुर्घटना में आंशिक स्थाई अपंगता होने पर 1 लाख रुपए। आंशिक अपंगता होने का मतलब एक हाथ या एक पैर असक्षम होने से है।
  4. दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने पर 20000 रुपए। गंभीर रूप से घायल होने पर अस्पताल में कम से कम 5 दिन भर्ती रहना तथा मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर किया जाएगा।
  5. दुर्घटना में सामान्य रूप से घायल होने पर 5000 रुपए। अस्पताल में 5 दिन से कम अंतरंग रोगी के रूप में भर्ती होने पर।
  6. निर्माण श्रमिक की सामान्य मृत्यु होने पर 75 हजार।

यदि हिताधिकारी श्रमिक को मुख्यमंत्री सहायता कोष से कोई राशि दी जाती है तो इस योजना का लाभ भी उसे अतिरिक्त सहायता के रूप में प्राप्त होगा।

गंभीर बीमारियों पर व्यय का पुनर्भरण योजना

यदि किसी श्रमिक या उसके परिवार में किसी सदस्य को कोई गंभीर बीमारी हो जाती है तो उसके चिकित्सा व्यय का पुनर्भरण करने के लिए यह योजना लागू की गई है।

इस योजना में हिताधिकारी श्रमिक , पति/पत्नी, हिताधिकारी श्रमिक पर आश्रित अवयस्क पुत्र, पुत्री या माता-पिता के बीमार होने पर इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है। इस योजना के अंतर्गत गंभीर बीमारियों की सूची में से कोई बीमारी होने पर तथा अस्पताल में भर्ती होने पर विभाग द्वारा चिकित्सा पुनर्भरण प्रस्तावित है। इसमें उपचार पर हुए कुल वास्तविक व्यय का 50% या रुपए 1 लाख तक का भुगतान किया जाता है।

सिलिकोसिस पीड़ित के लिए श्रम विभाग की सहायता योजना

खदानों में काम करने वाले श्रमिक को आमतौर पर सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारी से खतरा रहता है, कई स्थानों पर सिलिकोसिस बीमारी के गंभीर मरीज पाए गए हैं। सिलिकोसिस बीमारी से फेफड़े खराब होने एवं सांस लेने में दिक्कत होती है। राजस्थान सरकार ऐसे मरीजों के लिए सिलिकोसिस पीड़ित सहायता योजना के रूप में उन को सहायता राशि उपलब्ध कराती है।

इस योजना के तहत हिताधिकारी श्रमिक एवं उसके आश्रित सहायता राशि प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे-

  1. स्वयं हिताधिकारी श्रमिक
  2. पति अथवा पत्नी
  3. अवयस्क पुत्र
  4. अविवाहित पुत्री
  5. पूर्व मृतक बेटे की विधवा और बच्चे
  6. आश्रित माता-पिता

सिलिकोसिस पीड़ित हाइपर योजना के तहत श्रमिक विभाग मंडल द्वारा सहायता राशि इस प्रकार से दी जावेगी-

  1. सिलिकोसिस पीड़ित होने पर 1 लाख रुपए
  2. सिलिकोसिस पीड़ित की मृत्यु होने पर 3 लाख रुपए

सिलिकोसिस बीमारी से ग्रसित होने पर हिताधिकारी द्वारा स्वयं तथा मृत्यु होने पर आश्रित द्वारा पंजीयन परिचय पुस्तिका, बैंक खाता विवरण तथा सिलिकोसिस मेडिकल बोर्ड प्रमाण पत्र के साथ आवेदन किया जा सकता है।

इस तरह से राजस्थान राज्य के श्रमिकों के लिए राजस्थान श्रमिक विभाग की यह उक्त योजनाएं श्रमिकों के कल्याण के लिए चलाई जा रही हैं। व्यापक प्रचार-प्रसार के अभाव में श्रमिकों को इनकी जानकारी नहीं होती है अतः सभी श्रमिक भाई मंडल में अपना पंजीयन करवाएं और इन योजनाओं का लाभ उठाएं।

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